
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहला बजट वर्ष 2000 में पेश किया गया था, जिसका आकार सिर्फ 5,700 करोड़ रुपये था, 25 वर्षों में यह 30 गुना बढ़कर 1,60,000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है। यह साफ दर्शाता है कि राज्य ने आर्थिक रूप से काफी प्रगति की है। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार 3 मार्च को अपना दूसरा पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। यह राज्य का 24वां बजट होगा, जिसे वित्त मंत्री ओपी चौधरी विधानसभा में प्रस्तुत करेंगे। इस बार बजट का आकार करीब 1 लोखा 60 हजार करोड़ रुपये रहने की संभावना है, जो पिछले साल के 1,47,000 करोड़ की तुलना में लगभग 10 % अधिक है।
ऐसी संभावना है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह बजट महिलाओं, युवाओं, किसानों और आदिवासी वर्ग पर विशेष ध्यान देने वाला हो सकता है। इसके अलावा, बस्तर और सरगुजा के विकास, टूरिज्म और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी सरकार का फोकस रहेगा।
महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना का विस्तार
सरकार महतारी वंदन योजना को विस्तार कर सकती है। महतारी वंदन योजना में छूट गई महिलाओं के लिए प्रावधान हो सकते है। महतारी वंदन योजना के तहत 1000 रुपये महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिलेगा।
युवाओं को रोजगार के नए अवसर
बजट में युवाओं के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जा सकता है। इससे नए उद्यमियों को आर्थिक मदद मिलेगी और बेरोजगारी को कम करने में सहायता मिलेगी।
किसानों के लिए भी कुछ नया हो सकता है
सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार कुछ नया कर सकती है। किसानों के लिए सिंचाई, फसलों के लिए अनुदान और बाजार उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा सकता है।
बस्तर और सरगुजा में टूरिज्म और इंफ्रास्ट्रक्चर
बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। इसके तहत एडवेंचर स्पोर्ट्स, वाइल्डलाइफ टूरिज्म और पारंपरिक पर्यटन स्थलों के विकास को प्राथमिकता दी जा सकती है।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार – शिक्षकों की भर्ती
शिक्षकों की भर्ती को लेकर भी बजट में खास प्रावधान किए जाने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार ने शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था। इससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकेगा। स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तारग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नई योजनाएं शुरू की जा सकती हैं। इससे गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों का विकास होगा।सरकारी सिस्टम को डिजिटआइजेशन पर जोरबजट में सरकारी विभागों को डिजिटल बनाने और ई-गवर्नेंस को मजबूत करने के लिए भी प्रावधान किए जा सकते हैं।
25 साल पहले छत्तीसगढ़ का पहला बजट
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहला बजट वर्ष 2000 में पेश किया गया था, जिसका आकार सिर्फ 5,700 करोड़ रुपये था। 25 वर्षों में यह 30 गुना बढ़कर 1,60,000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है. यह साफ दर्शाता है कि राज्य ने आर्थिक रूप से काफी प्रगति की है।
छत्तीसगढ़ के लोगों को इस बजट से नई नौकरियों, किसानों के लिए आर्थिक राहत, महिलाओं के लिए सशक्तिकरण योजनाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की उम्मीदें है. देखना होगा कि सरकार जनता की उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।