
रायपुर – पुलिस के अनुसार पीड़ित वेल्लू परिवार की एक बहन के प्रेमी और इस वारदात में शामिल 5 डकैतों समेत कुल 10 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
वारदात को अंजाम देने की योजना पिछले करीब 6 महीनों से तैयार की जा रही थी
आरोपियों को घर में कभी इलेक्ट्रीशियन तो कभी प्लम्बर बनाकर लेकर पूरे घर की रेकी
वारदात के बाद शातिर आरोपियों ने 60 लाख रुपये आपस में बांट लिये
राजधानी रायपुर में मतदान दिवस के दिन पुलिस को चुनौती देने वाली डकैती की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस के अनुसार पीड़ित वेल्लू परिवार की एक बहन के प्रेमी और इस वारदात में शामिल 5 डकैतों समेत कुल 10 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
शहर के अनुपम नगर में 11 फरवरी मंगलवार को हुई इस वारदात को अंजाम देने की योजना पिछले करीब 6 महीनों से तैयार की जा रही थी, जिसके लिये शातिर डकैत कई बार इलाके समेत घर में जाकर रेकी कर चुके थे। इस पूरी वारदात का खुलासा करते हुए आईजी रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा ने बताया कि इस वारदात की प्लानिंग पिछले 6 महीने से रची जा रही थी। इस साजिश में वेल्लू परिवार की एक बहन का प्रेमी ए. सोम शेखर ही पूरी वारदात का मास्टरमाईंड निकला। सोम को उसकी प्रेमिका उषा वेल्लू ने बताया कि घर में 60 लाख रूपये रखे हैं लेकिन उसके भाई बहन बंटवारा नहीं कर रहे हैं।
आरोपियों को घर में कभी इलेक्ट्रीशियन तो कभी प्लम्बर बनाकर लेकर पूरे घर की रेकी
जिसके बाद सोम शेखर ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए जमीन दलालों देवलाल वर्मा और पुरूषोत्तम देवांगन को बताया कि, घर में करीब 60 लाख रूपये रखे हैं, उसको डकैती की वारदात कर निकालना है। जिसके लिए सोम कई बार दोनों आरोपियों को घर में कभी इलेक्ट्रीशियन तो कभी प्लम्बर बनाकर लेकर पूरे घर की रेकी करवाई और पैसे कहां रखे हैं वो बताया। ये जानने के बाद देवलाल वर्मा और पुरूषोत्तम देवांगन ने अपनी साथी भिलाई की नेहा त्रिपाठी और उसके पति राहुल त्रिपाठी को बताया जिसके बाद नेहा त्रिपाठी ने नागपुर से शाहिद पठान और पिंटू सारवान को इस वारदात की सुपारी देकर बुलाया और 11 फरवरी को शाहिद, पिंटु और देवलाल वर्मा, पुरूषोत्तम और नेहा त्रिपाठी के साथ रिट्ज कार में बैठकर आर्मी युनिफार्म और नकाब पहनकर वारदात को अंजाम देने पहुंचे और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गये।
आपको बता दें कि इनकी प्लानिंग को नेहा त्रिपाठी लीड कर रही थी और उषा वेल्लू का प्रेमी ए.सोम शेखर बीएसएफ से रिटायर्ड सुबेदार मेजर है, इसलिये उसने सभी को जंगल वर्दी पहनकर आने की सलाह दी थी। इस पूरी वारदात के बाद क्राइम ब्रांच की करीब 50 लोगो की टीमें इनकी तलाश में लगी थी जिसमें खुलासा हुआ कि सभी आरोपी रिट्ज कार से महादेव घाट के रास्ते अमलेश्वर की तरफ भागे हैं। इस बीच पुलिस परिवार का भी टेक्निकल एनालिसिस कर रही थी। इस दौरान कई चौकाने वाले महत्वपूर्ण क्लू मिले तो पुलिस ने प्रेमी ए. सोम शेखर से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सबकुछ उगल दिया
आधी रात को एक साथ सभी जगहों पर रेड कार्रवाई
जिसके बाद नागपुर, राजनांदगांव, दुर्ग भिलाई समेत 6 जिलो में टीमें बताए पतों पर भेजी गई और बुधवार और गुरूवार की दरमियानी आधी रात को एक साथ सभी जगहों पर रेड कार्रवाई कर सभी को दबोचा गया। इस वारदात के बाद शातिर आरोपियों ने 60 लाख रुपये आपस में बांट लिये। जिसमें सबसे ज्यादा पैसे नेहा त्रिपाठी और उसके पति राहुल त्रिपाठी ने रखे बाकी बदमाशों को ज्यादा कुछ नही मिलने की बात कहकर एक एक लाख रूपये ही दिये। फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से उनसठ लाख पचास हजार रूपये समेत सोने के आभूषण और वारदात में प्रयुक्त रिट्ज एवं अल्टो कार जप्त कर लिया है। आईजी रायपुर ने इस मामले को 30 घंटो में सुलझाने पर 30 हजार नगद राशि इनाम में देने की घोषणा की हैइस डकैती का मास्टरमाइंड कौन था?
इस डकैती का मास्टरमाइंड उषा वेल्लू का प्रेमी ए. सोम शेखर था, जो बीएसएफ से रिटायर्ड सुबेदार मेजर है। उसने घर में रखे पैसे लूटने की योजना बनाई थी।
डकैती की योजना कब से बनाई जा रही थी?
इस डकैती की योजना पिछले 6 महीनों से बनाई जा रही थी, जिसके तहत आरोपियों ने कई बार घर की रेकी की थी।
डकैतों को पकड़ने में पुलिस को कितने घंटे लगे?
रायपुर पुलिस ने 30 घंटे के अंदर ही सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मामले को सुलझा लिया।
डकैती में कुल कितने पैसे लूटे गए और बरामद हुए?
कुल 60 लाख रुपये लूटे गए थे, जिसमें से पुलिस ने 59.50 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं।
पुलिस ने आरोपियों को कैसे पकड़ा?
पुलिस ने टेक्निकल एनालिसिस और लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए सभी आरोपियों को नागपुर, राजनांदगांव, दुर्ग-भिलाई समेत 6 जिलों में रेड डालकर गिरफ्तार किया।